Saturday, May 9, 2015

बात निकली है तो दूर तलक जाएगी... 
अमित बैजनाथ गर्ग 
लगता है हमारे जन-प्रतिनिधियों की आंखों का पानी ही मर गया है, तभी तो साल 2014 को राजस्थान में निश्चित तौर पर नेताओं की बदजुबानी के लिए याद किया जाएगा। गाली-गलौज करने, दबंगई दिखाने वाले इन नाकाबिल नेताओं को विधानसभा भेजने वाला मतदाता भी खुद को ठगा सा महसूस करता होगा! 'पार्टी विद् डिफरेंस' का दावा करने वाली भाजपा के नेता इतने डिफरेंट निकलेंगे, ये शायद किसी ने सपने में भी नहीं सोचा था! कल तक जिस मतदाता से वोट मांगने के लिए ये हमारे नेता पैर छूने तक के लिए तत्पर रहते थे, आज जीतने के बाद उसी के हाथ-पैर तोडऩे की बात करते हैं। 
     कोटा के रामगंज मंडी विधानसभा क्षेत्र से विधायक और गुर्जर नेता प्रहलाद गुंजल ने कोटा सीएमएचओ को धमकाने के बाद मिली निलंबन की सजा से भी सबक सीखा हो, ऐसा लगता नहीं है। एक तरफ उन्होंने भाजपा कार्यकर्ताओं को मीडिया को उसकी औकात दिखाने का भाषण दे डाला तो दूसरी तरफ उनके समर्थक ने फिर सीएमएचओ को धमकाया। कोटा के ही लाडपुरा विधानसभा क्षेत्र से विधायक भवानी सिंह राजावत तो किसी फिल्म के खलनायक की माफिक दिखाई दिए। उन्होंने अपने ही क्षेत्र के मतदाताओं को उनकी जगह दिखा डाली। हाल ही में संपन्न हुए नगर निगम चुनाव के दौरान एक नुक्कड़ सभा में राजावत मतदाताओं से कह रहे थे कि वोट नहीं दिए तो बस्ती खाली करवा दूंगा। सामान फिंकवाऊंगा और कोई माई का लाल बचाने नहीं आएगा। वहीं प्रताडऩा के एक प्रकरण में मर्जी की कार्रवाई नहीं होने पर जालोर-सिरोही से भाजपा सांसद देवजी पटेल ने आबूरोड थाना प्रभारी सीताराम खोजा का दिमाग खराब बता दिया। बकौल पटेल, इसका (थानाधिकारी) तो दिमाग खराब है, कुछ समझता ही नहीं है। शायद पटेल को पता नहीं है कि जिन व्यक्तियों का दिमाग खराब हो, उन्हें कम से कम सरकारी सेवा में तो नहीं लिया जाता!  
     जनजाति विकास मंत्री नंदलाल मीणा भी किसी से कम नहीं निकले। अखबार में छपी एक खबर के बाद मीणा ने एक व्यक्ति को जमकर अपशब्द कहते हुए धमकी दी कि प्रतापगढ़ आऊंगा तो हाथ-पांव तोड़ दूंगा। मजे की बात देखिए, वो बेचारा व्यक्ति तो दुबई में रहता है। उधर, बूंदी जिले की नैनवां नगरपालिका के अध्यक्ष प्रमोद जैन का पुलिस उपाधीक्षक वीरेंद्र जाखड़ से गाली-गलौच करने का मामला सामने आया है। कुछ समय पहले क्षेत्र में कफ्र्यू के दौरान पालिकाध्यक्ष ने फोन पर जाखड़ से टोडापोल में पुलिस के महिलाओं से मारपीट का आरोप लगाते हुए गाली-गलौज कर देख लेने की धमकी दी। इधर, चाल-चरित्र-चेहरे की बात करने वाली कांग्रेस के सिरोही जिला प्रमुख चंदन सिंह देवड़ा का भी जनसंपर्क अधिकारी मुकुल मिश्रा से सरकारी बैठक में बदतमीजी करने और धमकाने का मामला सामने आया है। 
     ये कुछ घटनाएं तो महज बानगीभर हैं। ना जाने लोगों के डर के चलते ऐसी कितनी ही घटनाएं सामने नहीं आ पाई होंगी! यह भी कह सकते हैं कि हमारे नेताओं के कितने काले कारनामे सामने आने से रह गए! इन नेताओं को कभी शर्म आएगी भी या नहीं, यह कहना बहुत मुश्किल है। इतना जरूर है कि और हम ज्यादा दिन तक बर्दाश्त करने की स्थिति में नहीं रह सकेंगे। वक्त रहते सरकार, प्रशासन और उससे भी कहीं आगे प्रदेश का आम आदमी लोकतंत्र के इस अपमान पर अब तो अपनी चुप्पी तोड़े। कवि शमशेर के शब्दों 'बात निकली है तो दूर तलक जाएगी...' को याद कर हम अपनी बात रखना सीखें! सरकार, प्रशासन और कानून अपना काम करें और मतदाता अपना। 


अमित बैजनाथ गर्ग 
ए-56, सुदामा नगर, तारों की कूट, टोंक रोड,  
जयपुर, राजस्थान, पिनकोड-302029 
मो.: 07877070861 

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